(अ) ‘एक और दोणाचार्य’ नाटक के आलोचनात्मक प्रश्न
१) ‘एक और दोणाचार्य’ नाटक आज के बुद्धिजिवियों पर व्यंग्य करता है-चर्चा कीजिए |
२) ‘एक और दोणाचार्य’ नाटक आधुनिक सामाजिक यथार्थवादी नाटक है-चर्चा कीजिए।
३) ‘एक और दोणाचार्य’ नाटक शिक्षण में व्याप्त भष्ट्राचार का नाटक है-चर्चा कीजिए।
४) ‘एक और दोणाचार्य’ नाटक का ऐतिहासिक संदर्भ प्रस्तुत करते हुए कथानक के परिप्रेक्ष में उसकी प्रतीकात्मकता स्पष्ट कीजिए।
५) ‘एक और दोणाचार्य’ नाटक के आधार पर कृपि का चरित्र चित्रण कीजिए।
६ नाटक के तत्वों के आधार पर ‘एक और दोणाचार्य’ नाटक की समीक्षा कीजिए।
७) कल का द्रोणाचार्य आज का अरविंद है-चर्चा कीजिए।
८) ‘एक और दोणाचार्य’ नाटक में वर्णित समस्याओं का चित्रण कीजिए।
९) ‘एक और दोणाचार्य’ नाटक के कथानक की विशेषताएँ निरूपित कीजिए।
१०) ‘एक और दोणाचार्य’ नाटक आधार पर अरविंद का चरित्र चित्रण कीजिए।
(ब) ‘एक और दोणाचार्य’ नाटक के लघुत्तरी प्रश्न
१. 'एक और द्रोणाचार्य' नाटक का शीर्षक
२. 'एक और द्रोणाचार्य' नाटक की समस्याएँ
३. 'एक और द्रोणाचार्य' नाटक का नामकरण
४. 'एक और दोणाचार्य' नाटक का उद्देश्य
५. 'एक और द्रोणाचार्य' नाटक का अरविंद
६. 'एक और द्रोणाचार्य' नाटक की कृपि
७. 'एक और द्रोणाचार्य' नाटक की प्रतीकात्मकता
८. 'एक और द्रोणाचार्य' नाटक का संदेश
९. 'एक और द्रोणाचार्य' नाटक की भाषा-शैली
१०. 'एक और द्रोणाचार्य' नाटक की रंगमंचीयता
११. शंकर शेष की नाट्य साधना