Tuesday, 12 December 2023

घनानंद कवित की प्रश्नावली

 आलोचनात्मक प्रश्न सूचि:

(१) 

  • कविवर घनानंद के व्यक्तित्व एवं  कृतित्व का संक्षिप्त परिचय दीजिए। 

  • घनानंद के जीवन और कवन को विस्तार से समझाइए ।

  • कविवर घनानंद का साहित्यिक परिचय लिखिए ।

  • "रीतिकालीन कवि घनानंद का साहित्य चिरस्मरणीय है ।" - इस कथन की चर्चा कीजिए ।

  • घनानंद का जीवन एवम् सर्जन को स्पष्ट कीजिए ।

(२) 

  • "घनानंद की कविता में प्रेम और सौंदर्य का अपूर्व चित्रण है ।" - इस कथन की घनानंद के काव्य के आधार पर समीक्षा कीजिए । 

  • धनानंद के काव्य में वर्णित 'प्रेम व्यंजना' को समझाइए ।

  • धनानंद के काव्य में निरुपित 'सौदर्यबोध' की चर्चा कीजिए ।

  • धनानंद के काव्य में वर्णित स्वच्छंद प्रेमधारा का परिचय दीजिए ।

  • "घनानंद की प्रेम भावना लौकिक प्रेम से शुरू होकर अलौकिक प्रेम की अनुभूति है ।" - इस कथन को समझाइए ।

  • धनानंद की प्रेम साधना का वर्णन कीजिए ।

  • धनानंद की प्रेमानुभूती पर प्रकाश डालिए ।

  • धनानंद के प्रेम चित्रण को विस्तृत रूप से समझाइए ।

  • "धनानंद की कविता का प्रमुख पक्ष प्रेम है ।" - इस कथन की समीक्षा करें ।

(३) 

  • "विरह घनानंद के जीवन और कवन का प्राण है ।"-इस कथन की चर्चा कीजिए ।

  • कविवर घनानंद के कव्य में चित्रित विरह को निरूपित कीजिए ।

  • घनानंद के साहित्य में व्यक्त वियोगवर्णन की आलोचना कीजिए ।

  • "वियोग घनानंद के साहित्य का प्राण है ।"- इनकी कव्य रचना के आधार पर सिद्ध करें ।

  • घनानंद हिंदी साहित्य के श्रेष्ठ विरही कवि है ।" उनके काव्य सर्जन के आधार पर समीक्षा करें ।

(४) 

  • घनानंद के काव्य में निरुपित भावपक्ष एवं कलापक्ष को विस्तृत रूप से निरुपित कीजिए। 

  • घनानंद के कव्य की प्रमुख विशेषताएं लिखिए ।

  • "घनानंद हिन्दी साहित्य के एक सर्वश्रेष्ठ मुक्तककार है ।" - सपष्ट कीजिए। 

  • घनानंद के कव्य का अनुभूति पक्ष एवम् अभिव्यक्ति पक्ष स्पष्ट कीजिए ।

  • "कविवर घनानंद के साहित्य में कव्य सौंदर्य की  श्रेष्ठ अभिव्यक्ति है ।" - स्पष्ट कीजिए ।

  • "घनानंद के कव्य में भाव और कला का अद्भुत समन्वय है ।" - समीक्षा करें ।

  • घनानंद के काव्य का भावपक्ष तथा कलापक्ष संबंधी विवेचन किजिए । 

  • घनानंद की भाषा और अलंकार योजना पर प्रकाश डालिए । 

  • घनानंद के कव्य-सौंदर्य पर प्रकाश डालिए ।

(५) 

  • घनानंद के काव्य में निरुपित भक्ति भावना पर प्रकाश डालिए ।

  • "घनानंद एक भक्त कवि है ।"- इस कथन की विस्तार से समीक्षा लिखिए ।

  • घनानंद की भक्त लौकिक जीवन से शुरू होकर अलौकिक सौंदर्य आप्लावित है । - उनके साहित्य के आधार पर समझाइए ।

  • घनानंद की भक्ति भावना पर स्पष्ट कीजिए ।

  • घनानंद की भक्ति साधना पर प्रकाश डालिए ।

  • घनानंद की भगवद्भक्ति को विस्तार से स्पष्ट कीजिए ।

(६) 

  • हिंदी साहित्य में घनानंद का स्थान निर्धारित कीजिए ।

  • हिंदी  काव्य की स्वच्छंद प्रेमधारा में घनानंद का स्थान स्पष्ट करें ।

  • हिंदी के प्रेम कवियों में घनानंद पितामह है । - समीक्षा लिखिए ।


(७) टिप्पणी (लघुउत्तरी प्रश्न सूचि):

  1. घनानंद की प्रेम भावना

  2. घनानंद की प्रेमनुभूति

  3. घनानंद की विरह वेदना

  4. घनानंद के काव्य की विशेषताएं 

  5. घनानंद के काव्य का कलापक्ष 

  6. घनानंद की भाषा 

  7. घनानंद के काव्य में अलंकार-योजना 

  8. घनानंद के काव्य का संयोग-पक्ष 

  9. घनानंद के काव्य में भक्ति भावना 

  10. घनानंद के काव्य में विरह भावना

  11. घनानंद के काव्य में प्रेम का स्वरूप 

  12. घनानंद का जीवन वृत 

  13. घनानंद की रचनाएँ

  14. घनानंद की भगवद्भक्ति 

  15. घनानंद के काव्य में प्रकृति चित्रण

  16. घनानंद का लौकिक प्रेम 

  17. घनानंद काव्य में रस निरूपण 

  18. घनानंद कविता में सौंदर्य चित्रण 

  19. स्वच्छंद प्रेम के कवि

  20. घनानंद का जीवन परिचय

  21. घनानंद का साहित्य

  22. घनानंद का निश्छल प्रेम

  23. घनानंद काव्य की प्रेम जन्य निष्ठुरता

  24. घनानंद का एकांगी प्रेम ( प्रेमगत विषमता)

  25. घनानंद की कविता में संदेश प्रेषणीयता

  26. घानानंद की कविता में सात्विकता और आध्यात्मिकता